अनिद्रा से हैं परेशान तो अपनाएं यह उपाय Things To Know Before You Buy



#५ लेवेंडर एक ऐसा एसेंशियल ऑयल है जो शरीर एवं मन दोनों के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है। मसाज के लिए तथा सोने से पहले इसे कमरे में अवश्य प्रयोग करें। यह तनाव को दूर कर अनिद्रा को भी दूर करता है।

Two weeks in the past I observed a whole new neurologist and told him which i was in loads of soreness. He put me on lyrica-pregabalin (i'm on fifty mg/working day now but have to have to improve to 75 mg tomorrow) and twenty mg transdemic buprenorphine patches for per month, a remedy he frequently prescribes for fibromyalgia suffering. He instructed me to choose this new medication without removing any medication that I was currently taking.

कारण और लक्षण जानने के बाद अब लेख के इस भाग में जानते हैं अनिद्रा का घरेलू इलाज।

अब पैशन फ्लावर टी बैग को उसमें डुबोएं (ठीक उसी तरह जैसे ग्रीन टी बैग का उपयोग करते हैं)

गर्भावस्था के दौरान अनिद्रा (नींद न आना):

अशांति निश्चय ही अनिद्रा के मूल में हो सकती है। अशांति चाहे पारिवारिक हो या अन्य किसी कारण से, बहुत बुरी होती है। अशांति नींद को कोसों दूर कर देती है। रोगी को पर्याप्त हंसी-मजाक और मनोरंजन आदि में अपना समय व्यतीत करना चाहिए। आवश्यक शारीरिक श्रम जरूर करना चाहिए। लेकिन अत्यधिक शारीरिक श्रम करना अनुचित है, अहितकर है। प्रतिदिन स्नान करना चाहिए। गर्म पानी से स्नान कभी भी नहीं करना चाहिए। गर्म पानी शरीर के लिए हानिकारक प्रभाव रखता है। हमेशा ठंडे शीतल जल स्नान करने की आदत स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होती है।

इसलिए, प्रारंभिक अवस्था में ही नींद न आने की समस्या का इलाज करना हमेशा बेहतर होता है। अनिद्रा के लिए उपचार चिकित्सा और गैर-चिकित्सा उपचार भी प्रदान कर सकता है।

रोज रात को एक ही वक्त पर सोने जाना और सुबह एक निर्धारित वक्त पर उठने की आदत डालना।

विस्तार से जानकारी हेतु देखें उपयोग की शर्तें

मानसिक स्वास्थ्य संबंधी विकार – चिंता संबंधी विकार, जैसे कि पोस्ट-ट्रॉमैटिक तनाव विकार आपकी नींद को बाधित कर सकते हैं। बहुत जल्दी जाग जाना अवसाद का संकेत हो सकता है। अनिद्रा अक्सर अन्य मानसिक स्वास्थ्य विकारों के साथ भी होती है।

नींद पर रोक – यह उपचार आपके बिस्तर में बिताए जाने वाले समय को घटाता है और दिन की नींद से बचाता है, जिससे आंशिक नींद का अभाव होता है और आप अगली रात बहुत थका हुआ महसूस करते हैं। एक बार आपकी नींद में सुधार हो जाये, तो आपके सोने का समय धीरे-धीरे बढ़ाया जाता है।

सोते वक्त बार-बार उठना या नींद आने में परेशानी होना।

डॉक्टर द्वारा निर्धारित नींद की गोलियां आपको नींद आने में, सोये रहने में या दोनों में मदद कर सकती हैं। आमतौर पर डॉक्टर एक हफ्ते से ज़्यादा समय के लिए नींद  की गोलियों का सुझाव नहीं देते हैं, लेकिन कुछ दवाएं लम्बे समय तक ली जा सकती हैं। इनमें ज़ोपिकॉल्न, रमेल्टॉन शामिल हैं। 

अनिद्रा (नींद न आना) स्लीपिंग डिसऑर्डर के प्रकारों में से एक है जिसमें व्यक्तियों को सो जाना, सोते रहना या दोनों में कठिनाई होती है। अनिद्रा के रोगी हमेशा थका हुआ और सुस्त महसूस करेंगे क्योंकि उनकी नींद पूरी तरह से खत्म हो जाती है। अनियमित और बाधित नींद से अन्य here स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।

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